Tuesday, June 16, 2009

मार डाला रे !

मैं ग़ुड़गावं से हूँ। मैं २५ साल का हूँ और मैं हर वक्त सेक्स का प्यासा रहता हूँ। मेरे घर में मैं, मोम और डैड हैं।

यह बात तब की है जब मैं बीस साल का था। हमारे घर पर एक नई काम वाली आई, क्या चीज़इ थी वो !

पहले दिन जब उसको देखा तो मैं बस देखता ही रह गया और सोचा कि अब शायद मेरा काम हो जायेगा, मेरे लंड जी की प्यास बुझ जायेगी। उसकी फ़ीगर देख कर मेरा तो लंड उछलने लगा उसकी फ़ीगर ३६-३२-३६ थी। वो शादी-शुदा थी और साढ़े पांच फ़ीट की गोरी चिट्टी औरत थी और उसकी मोटी मोटी आंखें थी।

एक दिन जब वो मेरे कमरे में सफ़ाई कर रही थी तो मैंने उसके बड़े-२ स्तन देखे और उसके चले जाने के बाद मैं बाथरूम चला गया और अपने लंड को बाहर निकाल कर उसके नाम की मुठ मार दी। मैं उससे सेक्स करना चाहता था लेकिन डरता था उससे।

एक दिन मोम और डैड दोनो बाहर चले गये। मैं घर पे अकेला था और शाम के ५ बजे थे, मैंने ब्लू मूवी देखनी शुरु की और अपना लंड बाहर निकाल लिया। अचानक काम वाली अंदर आ गई। न जाने वो कब आ गई। मुझे पता नहीं चला कि कब मेन-गेट खुला और वो अंदर आ गई। मैं उसे देख कर डर गया और वो मुझे नंगा देख कर बाहर चली गई और किचन में जाकर बर्तन धोने लगी। मैं डरा हुआ टीवी बंद करके अपनी पैंट बंद कर रसोई में चला गया।

मैंने धीरे से कहा- आंटी चाय पियोगी?

वो गुस्से में बोली- नहीं।

मैं और डर गया। मैंने कहा- आंटी प्लीज़ किसी को मत बताना जो अंदर देखा।

वो कुछ नहीं बोली।

मैंने फिर कहा- प्लीज़ मोम को मत बताना।

उसने कहा- तुझे शरम नहीं आती ये सब करते हुए?

मेरे पसीने छूट गये। मैंने हाथ जोड़े- प्लीज़ आंटी, मुझे पता नहीं चला कि आप कब आ गई और मैं गरम था।

उसने मुझे आंखों से घूरा और वो बोली- तुम सारा दिन यही करते हो क्या? चल अपने कमरे में जा ! मुझसे बात मत कर ! मैं तेरी मां को बोल दूंगी कि इसकी शादी कर दे।

मैंने उसकी बहुत मिन्नतें की, लेकिन वो नहीं मानी। मैं कमरे में आ गया। वो १५ मिनट बाद मेरे कमरे में आई और मेरे पास आकर खड़ी हो गई।

मैंने फिर कहा- आप जो कहोगी, मैं करूंगा ! अगर तुमको पैसे चाहिये तो ले लो ! वो और गरम हो गई और मुझे थप्पड़ लगा दिया और कहा- मैं बिकाऊ नहीं हूँ।

मैं रोने लग गया। वो मेरे पास बेड पर बैठ गई और बोली ये रोकर किसको दिखा रहा है।

मैंने कहा- प्लीज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ज़्ज़ ! आंटी ! अब नहीं करूंगा !

वो बोली- क्या नहीं करेगा?

मैंने कहा- मुठ नहीं मारूंगा !

बोली- पक्का?

मैंने कहा- प्रोमिस !

उसने अपनी टांगें बेड पर रखी, उसने काली साड़ी पहन रखी थी। उसने मेरे गालों पर हाथ लगाया और बोली- मत रो ! मेरे राजा ! मैं तो तुमको डरा रही थी, तू तो सच में डर गया। चल अब शुरु हो जा मस्ती कर ! यही तो उमर है यह सब करने की !

मुझको ऐसी बातें सुन कर थोड़ा सुकून मिला।

उसने अपना हाथ मेरी ज़िप पर रखा- अरे मेरे राजा ! तुम्हारा लंड तो सो रहा है !

मैं उसके मुंह से लंड शब्द सुन हैरान रह गया।

और उसने कहा- चल अपनी पैंट उतार !

मैंने कहा- क्या ?

आंटी बोली- सुनाई नहीं देता क्या? चल !

मैंने अपनी पैंट उतार दी, उसने मेरा अंडरवियर खींच दिया और मेरे ३ इंच के लंड को हाथ लगाया। मेरा लंड टाइट होने लगा और उसने मेरे लंड की टोपी को अपने अंगूठे से स्पर्श किया। अब मैं मस्त हो गया।

वो बोली- तेरा लंड तो बहुत बड़ा है ! और देखते ही देखते मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया और उसने मेरा ८ इंच का लंड अपने मुंह में ले लिया और उसको चूसने लगी।

मुझे ऐसा अनुभव पहली बार हुआ, मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे मैं स्वर्ग में हूँ।

मेरे लंड को चूसने के बाद वो खड़ी हो गई उसने अपनी साड़ी उतार दी और अपना पेटीकोट भी।

मैंने भी हिम्मत कर अब उसके स्तन दबा दिये, उसकी काली ब्रा उतार फ़ेंकी और उसके मोटे-२, गोरे-२ मम्मे दबाने लगा, उसकी चूचियां कड़ी हो गई और बोली- समीर बाबू ! दबा ज़ोर से ! आआआआह्हह्हह ऊऊह्हह्हह्हहह, मैं भी बहुत दिनों की प्यासी हूँ।

मैंने उसके मम्मे जमकर चूसे। वो सिसकियां ले रही थी। और ऐसे में मैंने एक हाथ से उसकी पैंटी उतार दी। अब हम दोनों बिल्कुल नंगे हो गये, मैंने उसकी चूत में उंगली डाल दी, वो सिसकियां ले रही थी- आअह्हह्हह्हह्हह समीर बाबू मर गई ! आज मेरी प्यास बुझा दो !

हम अब ६९ पोजिशन में आ गये उसने मेरा लंड फिर चूसना शुरु किया और मैं अपनी जीभ उसकी गरम चूत पर रख कर उसे कुत्ते की तरह चाटने लगा।

उसने अब अजीब अंदाज़ में कहा- साले कुत्ते ! अब मत तड़पा ! चोद दे मुझको ! फाड़ दे मेरी चूत ! मरी जा रही हूँ !

मैं ऐसा सुनकर मैंने भी बोला- चल साली रांड ! आजा आज तेरी चूत फाड़ दूंगा !और मैंने उसे कुतिया बना लिया, लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पर रख दिया, हल्का सा धक्का लगाया।

वो बोली- आअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह ऊऊह्ह ह्हह्हह्हह्हह ! साले पूरा डाल ! अपनी रंडी आंटी के अंदर !

और मैंने ज़ोर से झटका दिया, बोला- ले साली रंडी आंटी !

अब पूरा ८ इंच का लंड उसकी चूत में प्रवेश कर चुका था।

वो बोल रही थी- आआआअह्हह्हह्ह ऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह आआऊऊऊऔऊऊउस्सह्हह ! मार डाला रे ! इतना दर्द तो सुहागरात को नहीं हुआ ! हरामी तेरा लौड़ा ही इतना बड़ा है ! ऐसे गालियां सुन मुझे गुस्सा आया और मैं ज़ोर-२ से उसको चोदता गया और वो मुझे गालियां दिये जा रही थी- साले कुत्ते ! आअह्हह्हह्ह ! फाड़ दे ! आह्हह ! समीर बाबू ! आआह्हह्हह्हह ऊऊऊह्हह्हह ! आज लगा दे सारा ज़ोर !

कमरे में चुदाई की आवाज़ और आआआअह्ह ऊओह्हह्ह की आवाज़ भर गई।

वो पागल सी हो गई और मैं भी।

वो सीधी लेट गई और मैंने उसकी टांगें खोल कर उसकी फिर से चुदाई शुरु कर दी और वो मेरी पीठ पर नाखून गड़ाने लगी, उसने मेरी छाती पर काट लिया।

वो अब दूसरी बार झड़ गई और बोली- साले ! आज फाड़ देगा क्या ! चल ज़ोर लग आआआअह्हह्हह्हह्ह !मेरा वीर्य आ गया और मैं आनन्द से भर गया। और सारा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया और अब हम दोनों शान्त हो गए। उसने मेरे माथे पे चूम लिया और बोली- तू मुझे रोज़ चोदा कर ! मैं तेरी इस चुदाई से खुश हुई।

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